UPI Rules 25 August Update अगस्त से बदल जाएंगे UPI के 6 नियम – Balance Check से AutoPay तक पूरी लिस्ट , अभी-अभी आई बड़ी खबर।
25 अगस्त, 2025 से यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इन बदलावों का मकसद है यूपीआई सिस्टम को ज्यादा स्थिर और प्रभावी बनाना, जिससे सर्वर पर बढ़ता बोझ कम हो और उपयोगकर्ताओं को बेहतर अनुभव मिले। भारत में यूपीआई का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है और यह डिजिटल पेमेंट का सबसे लोकप्रिय तरीका बन चुका है। इसी को ध्यान में रखकर NPCI ने नए नियम लागू किए हैं ताकि भुगतान प्रक्रिया सरल, तेज़ और सुरक्षित बनी रहे।
यह बदलाव खासतौर पर बैलेंस चेक करने की संख्या पर नियंत्रण, ऑटोपे ट्रांजेक्शन के समय में बदलाव, और ट्रांजेक्शन की स्थिति जांचने के नियमों से जुड़े हैं। पिछले कुछ महीनों में यूपीआई सर्वर पर दबाव बढ़ने और फेल ट्रांजैक्शंस की समस्या को देखते हुए ये नियम लिए गए हैं। इन सबका सीधा असर न केवल यूजर्स पर पड़ेगा, बल्कि व्यापारी और ऐप डेवलपर्स को
अगस्त से यूपीआई के 6 नए नियम
NPCI ने 25 अगस्त से यूपीआई ऐप्स पर लागू होने वाले कुल छह नए नियम जारी किए हैं, जिन्हें सभी यूपीआई प्लेटफार्म जैसे गूगल पे, फोन पे, पेटीएम आदि पर पालन करना आवश्यक होगा। ये नियम यूजर्स के दैनिक लेनदेन व्यवहार को नियंत्रित करेंगे ताकि सिस्टम बेहतर तरीके से काम कर सके
अब से आप किसी भी एक यूपीआई ऐप पर दिन में केवल 50 बार अपने बैंक खाते का बैलेंस ही चेक कर पाएंगे। इससे अधिक जांच करने पर आपको अनुमति नहीं मिलेगी। वहीं, मोबाइल नंबर से लिंक बैंक खातों की जांच की संख्या भी दिन में 25 बार सीमित कर दी गई है। इससे सर्वर पर अनावश्यक भार कम होगा और सिस्टम क्रैश होने की संभावना घटेगी।
ऑटोपे भुगतान जैसे नेटफ्लिक्स सब्सक्रिप्शन, SIP, EMI आदि का भुगतान अब केवल तय की गई समय सीमा में ही होगा। ये समय स्लॉट सुबह 10 बजे से पहले या दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे के बीच रहेगा। रात के 9:30 बजे के बाद भी ऑटोपे ट्रांजैक्शन संभव होगा।
25 अगस्त बदल गया यूपीआई का नियम।
भारत सरकार ने डिजिटल इंडिया के तहत यूपीआई को देश के सबसे बड़े और भरोसेमंद भुगतान प्लेटफार्म के रूप में विकसित किया है। NPCI इसके संचालन का प्रबंधन करता है। हाल के महीनों में यूपीआई पर भारी ट्रैफिक और सिस्टम की अस्थिरता लगातार परेशानी बनी हुई थी। 2025 की पहली तिमाही में कई बार यूपीआई ऐप्स की सेवा ठप हो गई थी, जिससे लाखों लोगों को भुगतान में दिक्कतें आईं।
इन्हीं समस्याओं से निपटने के लिए NPCI ने यह कदम उठाया है। इससे ट्रांजैक्शन की संख्या को नियंत्रित करके सिस्टम पर दबाव कम होगा, जिससे यूपीआई सेवा ज्यादा भरोसेमंद और तेज़ बन सकेगी। साथ ही, ये नियम उपयोगकर्ताओं के लिए भी जरूरी जानकारी प्रदान करते हैं और उन्हें नियंत्रित व्यवहार अपनाने में मदद करेंगे।
25 अगस्त 2025 से लागू हो रहे यूपीआई के छह नए नियम डिजिटल भुगतान को और अधिक स्थिर तथा सुरक्षित बनाने के लिए बनाए गए हैं। ये नियम यूपीआई ऐप के उपयोग में कुछ सीमाएं तो लगाएंगे,पर इससे सेवा की गुणवत्ता और उपयोगकर्ता का अनुभव बेहतर होगा। NPCI का मकसद यूपीआई को प्रत्येक भारतीय के लिए और भी भरोसेमंद और सुविधाजनक बनाना है ताकि डिजिटल भारत का सपना पूरा हो सके।